15/12/2019

Short Story in Hindi : शरारती बंदर, आज्ञाकारी पति, दूध में मेढ़क

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आज्ञाकारी पति (Obedient Husband Story)

(short story in hindi)
एक बार अकबर और बीरबल भेष बदलकर ये देखने के लिए निकले की उनके राज्य में सब कुछ कुशल मंगल है या नहीं। वे देखकर हैरान रह गये कि एक औरत अपने पति को 'डांट रही थी।   आगे बढ़े तो उन्हें और भी ज्यादा अचंभा हुआ कि एक और महिला अपने पति से जोर से बोल रही थी। अकबर सोच में पड़ गये और बीरबल से बोले, ऐसे ताकतवर आदमी अपनी बीवियों की कड़वी बातें क्यों सहते हैं ?   बीरबल बोले, 'जहांपनाह अधिकतर बीवियां अपने पतियों को उंगलियों पर नचाती हैं यही तो शादीशुदा है महाराज।”   अकबर को सुनकर विश्वास नहीं हुआ। अगले दिन उन्होंने आगरा के सभी शादीशुदा लोगों को बुलवा भेजा। जब सब इकट्ठे हो गये तो ऐलान करा दिया कि जो अपनी बीवी की हर बात मानते हैं वे दायीं तरफ हो जायें और जो ऐसा नहीं करते वे बायीं तरफ हो जायें।   बस फिर क्या था, अफरातफरी मच गई। थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा कि बाई और केवल एक आदमी खड़ा है। अकबर बड़े खुश हुए और बोले, "कम से कम आगरा में एक तो समझदार आदमी है जो अपनी बीवी की आज्ञा नहीं मानता। इसे तो इनाम मिलना चाहिए" । बीरबल बोले, "जहांपनाह आप सही कह रहे हैं, किंतु मुझे इससे केवल एक प्रश्न पूछने दीजिए" ।   बीरबल इस आदमी के पास गये और उससे पूछा, 'बताओ तुमे बाई ओर क्यों गये ? उस आदमी ने उत्तर दिया, जनाब मेरी बीवी ने कहा था कि भीड से दूर रहना इसलिए जब सब दाई और गये तो मुझे उसका कहा याद आ गया और म बांई ओर चला गया।   इतना सुनना था कि अकबर अवाक रह गये और फिर जोर से ठहाके लगाने लगे।





दूध में मेढ़क (2 Frog in Milk Story)

(short story in hindi)
एक बार की बात है। दो मेंढक दूध के बर्तन में गिर पड़े। वे गोल गोल तैरते रहे किंतु बाहर न निकल सके।   थोड़ी देर बाद उनमें से एक बोला, अब कोई फायदा नहीं है, अब हमें कोई नहीं बचा सकता, कोशिश का कोई फायदा नहीं है। ऐसा कहकर उसने प्रयास करना छोड़ दिया। उसने तैरना बंदकर दिया और डूब कर मर गया।   दूसरे मेंढक ने कहां, मैं कोशिश करना नहीं छोडूगा। क्या पता कुछ अनोखा घट जाये और मेरी जान बच जाये। ऐसा सोचकर वह गोल-गोल तैरता रहा। उसके लगातार तैरते रहने से दूध का मक्खन निकल आया और मक्खन की मोटी परत बन गई। मेंढक मक्खन की परत पर चढ़ा और कूदकर बाहर निकल आया और उसकी जान बच गई।




    

शरारती बंदर (Monkey Story in hindi)

(short story in hindi)
कल्लू किसान और उसके पड़ोसी एक बंदर की शरारतों से बहुत दुःखी थे। बंदर कभी उनके कपड़े फाड़ देता तो कभी बर्तन उठाकर भाग जाता। कभी उनके हाथ से रोटियां छीन लेता तो कभी किसी का मुंह नोच लेता।   सभी उस बंदर के उधम से परेशान थे। कल्लू किसान ने निर्णय लिया कि वह इस बंदर को सबक सिखायेगा। वह जाकर कुम्हार से एक छोटे मंह का घडा ले आया और उसे आंगन के बीचों बीच गाड़ दिया। फिर उसने उसमें केले दिये।।   जब बंदर को केले की खुशबू आई तो वह अपनेआप को रोक नहीं सका। उसने केले निकालने के लिए घड़े में अपना हाथ डाला औ केला लेकर अपना हाथ बाहर निकालने लगा पर यह क्या! उसका हाथ और केला तो फंस गये।   बंदर इतना लालची था कि उसने केला छोड़ना उचित नहीं समझा कभी इधर से कभी उधर से केले सहित अपना हाथ निकालने की कोशिश करता रहा पर सब व्यर्थ।   कालू किसान ने जैसे ही देखा कि बंदर का हाथ फंस गया है वह दौड़ा-दौड़ा रस्सी लेकर आया और बंदर को बांधकर चिड़ियाघर वालों के हवाले कर दिया।




 

क्या सही और क्या गलत? (What is right and what is wrong?)

(short story in hindi)
ढोलू एक दिन कहीं जा रहा था कि रास्ते में उसके पैर में एक कांटा चुभ गया। ढोलू अपना पैर पकड़ कर रोने लगा और भगवान को भला-बुरा कहने लगा कि अगर भगवान ने कांटे ही न बनाते तो कितना अच्छा होता। सोचते-सोचते वह आगे बढ़ गया।   आगे रास्ते में उसे खेत मिला जिसमें कददू की बेलें लगी थी जिसमें बड़े-बड़े कददू लगे थे। खेत के मोड़ पर कई आम के पेड़ लगे थे। जिन पर आम लगे थे। ढोलू सोचने लगा कि भगवान भी क्या बेवकूफी करते हैं नीचे हल्की-हल्की बेलों पर इतने बड़े फल और ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर छोटे छोटे आम।   इसके बाद वह पास के कुएं से पानी पीने लगा। तभी उस ने देखा कि एक बैल उस खेत में घुसने की कोशिश कर रहा था। किंतु कांटों की बाढ़ लगी होने के कारण वह अंदर नहीं घुस सका।   ढोलू ने सोचा धन्य हो भगवान क्योंकि अगर ये कांटे न होते तो यह बैल जरूर फसल को नुकसान पहुंचाता।  पानी पीकर ढोलू पेड़ की छाया मे सुस्ताने लगा कि उसकी आंख लग गई। ऊपर से एक आम आकर उसके सिर परआ गिरा।   ढोलू हड़बड़ाकर उठ बैठा, उसने ऊपर देखा और उसका शरीर यह सोचकर कांप उठा कि अगर आम कद्दू के आकार का होता तो उसके सिर का क्या होता और उसके मुंह से निकल पड़ा “धन्य हो भगवान! आप जो करते हैं अच्छा ही करते हैं।

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